भारत में सोना हमेशा से सुरक्षित और भरोसेमंद निवेश का प्रतीक रहा है। लोग इसे न सिर्फ आभूषण के रूप में खरीदते हैं बल्कि लंबे समय तक बचत और सुरक्षा के लिए भी निवेश करते हैं। हालाँकि, Gold Price Falls बदलती रहती है। सोने की कीमत हर दिन बदलती रहती है और कई स्थानीय व वैश्विक मुद्दों से प्रभावित होती है।
शुक्रवार, 22 अगस्त की सुबह घरेलू वायदा बाजार (एमसीएक्स) में Gold Price में गिरावट देखी गई। अमेरिकी फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल के जैक्सन होल सम्मेलन पर सबकी नज़रें टिकी थीं, लेकिन अमेरिकी डॉलर की मजबूती और निवेशकों की चिंता के कारण सोने की कीमत में यह गिरावट आई।
घरेलू बाजार में सोने-चांदी का हाल
- MCX Gold अक्टूबर 3 कॉन्ट्रैक्ट्स – 0.12% गिरकर ₹99,311 प्रति 10 ग्राम पर
- MCX Silver सितंबर 5 कॉन्ट्रैक्ट्स – 0.15% गिरकर ₹1,13,536 प्रति किलोग्राम पर
यह गिरावट बताती है कि निवेशक बड़े आर्थिक इवेंट से पहले सावधानी बरत रहे हैं और नई पोज़िशन लेने के बजाय प्रॉफिट बुकिंग कर रहे हैं।
Gold Price क्यों गिरा?
1. अमेरिकी डॉलर की मजबूती
डॉलर इंडेक्स 0.15% बढ़कर दो हफ्तों की ऊँचाई पर पहुंच गया। जब डॉलर मज़बूत होता है, तो सोना दूसरी मुद्राओं में महंगा हो जाता है। इससे अंतरराष्ट्रीय मांग कम होती है और Gold Price Falls देखने को मिलता है।
2. पॉवेल के भाषण से पहले सतर्कता
निवेशक पॉवेल के संकेतों का इंतजार कर रहे हैं। अगर वह बताते हैं कि ब्याज दरें लंबे समय तक ऊंची रहेंगी, तो सोना और दबाव में आ सकता है। वहीं अगर दरों में रुकावट या कटौती की बात होती है, तो Gold Rate ऊपर जा सकता है।
3. प्रॉफिट बुकिंग
पिछले कुछ हफ्तों में सोने की कीमतों में बढ़त देखने को मिली थी। ऐसे में निवेशकों ने मुनाफा वसूली की और यही कारण है कि शुक्रवार को Gold Price Falls दर्ज किया गया।
विशेषज्ञों की राय
मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि सोने की कीमतें अगले कुछ दिनों तक अस्थिर रहेंगी। पॉवेल का भाषण आने वाले समय में सोने की दिशा तय कर सकता है।
- अगर अमेरिकी फेड ब्याज दरों में नरमी का संकेत देता है, तो Gold Rate में तेज उछाल देखने को मिल सकता है।
- अगर दरें ऊंची रखने की बात होती है, तो सोने की कीमत पर दबाव बनेगा और Gold Price Falls जारी रहेगा।
MCX में देखने लायक स्तर
ट्रेडर्स के लिए MCX गोल्ड में कुछ अहम स्तर हैं:
- सपोर्ट लेवल (Support): ₹98,800 प्रति 10 ग्राम
- रेज़िस्टेंस लेवल (Resistance): ₹99,800 प्रति 10 ग्राम
अगर सोने की कीमत सपोर्ट से नीचे जाती है तो गिरावट गहरी हो सकती है। वहीं, अगर यह रेज़िस्टेंस पार कर जाती है, तो तेजी लौट सकती है।
चांदी के लिए सपोर्ट ₹1,12,800 और रेज़िस्टेंस ₹1,14,200 प्रति किलो पर है।
भारत में Gold Rate का रुझान
भारत में Gold Rate पर वैश्विक कीमतों के साथ-साथ रुपये और डॉलर की चाल का भी बड़ा असर पड़ता है।
- अगर रुपया डॉलर के मुकाबले कमजोर होता है तो सोना महंगा हो जाता है।
- वहीं अगर रुपया मजबूत होता है तो घरेलू सोने की कीमतें कुछ हद तक नियंत्रण में रहती हैं।
साथ ही, आने वाला त्योहारी सीज़न भी सोने की मांग बढ़ा सकता है। शादी-ब्याह और त्योहारों में सोने की खरीदारी पारंपरिक रूप से अधिक होती है, जिससे Gold Rate पर असर पड़ता है।
निवेशकों के लिए रणनीति
- शॉर्ट-टर्म ट्रेडर्स
फिलहाल उन्हें सतर्क रहना चाहिए क्योंकि जैक्सन होल सम्मेलन से पहले और बाद में तेज उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। - लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टर्स
लंबे समय के निवेशक इस गिरावट को खरीदारी के अवसर के रूप में देख सकते हैं। धीरे-धीरे निवेश करना सबसे अच्छा तरीका है। - ज्वेलरी खरीदार
अगर Gold Price Falls होता है, तो त्योहार और शादी के सीज़न से पहले सोना खरीदने का अच्छा मौका मिल सकता है।
वैश्विक कारण जो Gold Rate को प्रभावित करते हैं
- US Inflation Data – महंगाई बढ़ने पर सोने की मांग सुरक्षित निवेश के रूप में बढ़ जाती है।
- Interest Rate Expectations – ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद सोने को सहारा देती है।
- Geopolitical Tensions – किसी भी तरह का युद्ध या संघर्ष सोने की कीमत को ऊपर ले जाता है।
- Central Bank Purchases – कई देशों के केंद्रीय बैंक अपनी रिज़र्व में सोना जोड़ रहे हैं, जिससे मांग बनी रहती है।
निष्कर्ष
जैक्सन होल सम्मेलन से पहले Gold Price Falls होना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। निवेशक बड़े निर्णयों से पहले सतर्क रहते हैं और यही वजह है कि सोने में हल्की गिरावट आई।
हालांकि शॉर्ट-टर्म में अस्थिरता बनी रह सकती है, लेकिन लॉन्ग-टर्म निवेशकों के लिए सोना अब भी सबसे सुरक्षित निवेश है। आने वाले दिनों में पॉवेल का भाषण और अमेरिकी नीतियों पर उसका असर यह तय करेगा कि Gold Rate किस दिशा में जाएगा।