BSE Stocks में 7% की गिरावट, SEBI के नए Leverage नियम का असर

Lucky Negi
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मंगलवार, 8 जुलाई को BSE Stocks में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली। ट्रेडिंग के दौरान BSE Ltd के शेयरों में 7% से ज्यादा की गिरावट आई। इसका कारण था SEBI का नया प्रस्ताव, जिसमें ऑप्शन ट्रेडिंग की Leverage को कैश बैलेंस से जोड़ने की बात की गई है। इस खबर के बाद निवेशकों में घबराहट फैल गई और उन्होंने भारी मात्रा में Share Market से शेयर बेचना शुरू कर दिया।

क्या हुआ ऐसा?

Asia की सबसे पुरानी स्टॉक एक्सचेंज BSE Ltd के शेयरों में मंगलवार को तेज गिरावट देखी गई। SEBI (Securities and Exchange Board of India) ने एक नया प्रस्ताव रखा, जिसमें कहा गया कि ऑप्शन ट्रेडिंग में Leverage (उधार पर ट्रेड करने की ताकत) अब कैश के आधार पर तय होगी।

मतलब यह हुआ कि ट्रेडर्स और ब्रोकर जितनी नकद राशि अपने अकाउंट में रखेंगे, उसी हिसाब से ऑप्शन में ट्रेड कर पाएंगे। इससे मार्केट में कम ट्रेड होंगे और BSE जैसी कंपनियों की कमाई पर असर पड़ेगा।

BSE Stocks में गिरावट क्यों आई?

BSE Stocks के गिरने की दो मुख्य वजहें हैं:

  1. SEBI के नियमों का डर:
    SEBI के इस प्रस्ताव से डर है कि ट्रेडिंग वॉल्यूम घट जाएगा और इससे स्टॉक एक्सचेंज की कमाई पर असर पड़ेगा।
  2. मूल्यांकन (Valuation) की चिंता:
    हाल के महीनों में BSE Share Price काफी बढ़ गया था। ऐसे में जब कोई निगेटिव खबर आती है, तो तेजी से गिरावट देखने को मिलती है।

SEBI का प्रस्ताव क्या कहता है?

SEBI चाहता है कि ऑप्शन ट्रेडिंग में Leverage केवल कैश के आधार पर मिले। अभी कई ट्रेडर्स उधार या मार्जिन के आधार पर बड़ी-बड़ी ट्रेडिंग करते हैं। नया नियम आने से ट्रेडिंग सीमित हो जाएगी, जिससे बाजार में उतार-चढ़ाव कम होगा।

हालांकि इससे Stock Market की कमाई और वॉल्यूम पर भी असर पड़ सकता है, खासकर BSE जैसे एक्सचेंज पर।

Share Market पर असर

इस खबर का असर सिर्फ BSE तक सीमित नहीं रहा। पूरे Share Market में गिरावट देखी गई। एक्सचेंज, ब्रोकरेज और ट्रेडिंग कंपनियों के शेयरों में भी भारी बिकवाली हुई।

मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह नियम लंबे समय में अच्छा है, लेकिन अभी के लिए यह कंपनियों की आमदनी पर असर डालेगा।

निवेशकों की प्रतिक्रिया

खबर के बाद निवेशकों ने घबराकर BSE Stocks बेचना शुरू कर दिया। एक ही दिन में 7% से ज्यादा की गिरावट बताती है कि Share Market कितनी जल्दी किसी भी खबर पर रिएक्ट करता है।

हालांकि एक्सपर्ट्स का कहना है कि लंबी अवधि के निवेशकों को घबराने की जरूरत नहीं है। अगर कंपनी मजबूत है, तो वो वापस उभरेगी।

BSE Share Price में गिरावट

हाल ही में BSE Stocks में जबरदस्त तेजी देखी गई थी, लेकिन 8 जुलाई को शेयर की कीमतों में भारी गिरावट दर्ज हुई।

  • ओपनिंग प्राइस: ₹3,275
  • इंट्राडे लो (Intraday Low): ₹3,020
  • क्लोजिंग प्राइस: ₹3,050 के आस-पास
  • गिरावट: 7% से अधिक

यह हाल के समय की सबसे बड़ी एक-दिन की गिरावट थी।

निवेशकों के लिए सलाह

अगर आप BSE Stocks होल्ड कर रहे हैं, तो घबराने की जरूरत नहीं है:

  1. पैनिक न करें: स्टॉक मार्केट में उतार-चढ़ाव सामान्य है।
  2. थोड़ा इंतजार करें: SEBI का नियम अभी प्रस्ताव में है, इसमें बदलाव हो सकता है।
  3. डाइवर्सिफाई करें: सभी पैसे एक ही स्टॉक में न लगाएं। दूसरे सेक्टर में भी निवेश करें।

एक्सपर्ट्स क्या कह रहे हैं?

कुछ मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह गिरावट हेल्दी करेक्शन है, जबकि कुछ का मानना है कि नया नियम कंपनियों की कमाई को प्रभावित कर सकता है।

  • पॉजिटिव राय: BSE की फंडामेंटल्स मजबूत हैं। लॉन्ग टर्म में फायदा होगा।
  • निगेटिव राय: नए नियमों से वॉल्यूम घट सकता है, जिससे कमाई पर असर पड़ेगा।

SEBI का मकसद क्या है?

SEBI का उद्देश्य है कि Stock Market को सुरक्षित और ट्रांसपेरेंट बनाया जाए। Leverage पर कैश लिमिट लगाने से जोखिम कम होगा और छोटे निवेशकों को नुकसान नहीं होगा।

हालांकि इससे कमाई पर असर पड़ेगा, लेकिन लंबे समय में यह बाजार को मजबूत बनाएगा।

निष्कर्ष

8 जुलाई को BSE Stocks में 7% की गिरावट से यह साफ हो गया है कि Share Market कितनी जल्दी किसी नियम परिवर्तन पर रिएक्ट करता है। SEBI के प्रस्ताव से निवेशक डर गए और शेयर बेचने लगे।

इस समय जरूरी है कि निवेशक सोच-समझकर फैसला लें। अगर आप लॉन्ग टर्म इन्वेस्टर हैं तो घबराने की जरूरत नहीं। ऐसे उतार-चढ़ाव मार्केट में आते रहते हैं।

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